गोपेश्वर (चमोली)। जिले के हेलंग में गांव की घसियारी महिलाओं के साथ पुलिस और सीएसएफ के जवानों की ओर से की गई अभ्रदता का मामला धमने का नाम नहीं ले रहा है। एक के बाद एक राजनैतिक दल और संगठन महिलाओं के समर्थन और पुलिस, सीएसएफ, प्रशासन और टीएचडीसी के विरोध में आगे आ रहे है। गुरूवार को उत्तराखंड क्रांति दल ने जिला मुख्यालय गोपेश्वर पहुंचकर जिलाधिकारी कार्यालय पर प्रदर्शन कर जिलाधिकारी के माध्यम से एक ज्ञापन राष्ट्रपति को भेजा है जिसमें मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है।
गुरूवार को उत्तराखंड क्रांति दल के प्रदेश के विभिन्न जिलों के कार्यकर्ता गोपेश्वर पहुंचे जहां पर उन्होंने हेलंग की महिला घसियारियों के साथ हुई अभ्रदता के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया। उक्रांद के संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह रावत का कहना था कि जिला प्रशासन जल विद्युत परियाजना की निर्मात्री कंपनी टीएचडीसी के साथ मिलकर ग्रामीणों का उत्पीड़न कर रही है। उन्होंने कहा कि ग्रामीणों के घास के जंगल और चारागाहों को डंपिंग जोन बनाया जा रहा है जिस पर ग्रामीण की गई पीड़ियां अपने मवेशियों के लिए चारापति उगाने का काम करते आ रहे है। कंपनियों को लाभ देने के लिए सरकार और जिला प्रशासन ग्रामीणों के हकों को मार रही है। उन्होंने कहा कि जल, जंगल, जमीन हमारी और बाहरी लोग इसका लाभ उठा रहे है। उत्तराखंड की जनता ने उत्तराखंड राज्य की परिकल्पना अपमान सहने के लिए नहीं बनाया था। यह राज्य हमें कई अपनों की शहादत के बाद मिला है। इस राज्य में बाहर से आने वाली कंपनियां हम लोगों के साथ ऐसा व्यवहार करेंगी जिससे कतई बर्दास्त नहीं किया जा सकता है। उन्होंने राष्ट्रपति से इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की है। प्रदर्शन करने वालों मेें संरक्षक त्रिवेंद्र सिंह पंवार, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष सुरेंद्र कुकरेती, उपाध्यक्ष जय प्रकाश, जिलाध्यक्ष देहरादून किरन रावत, शशिकांत, अर्जुन रावत, गंगा प्रसाद कांती, दीपक फरस्वाण, जिलाध्यक्ष चमोली अरूण शाह, मोहित डिमरी, रेखा मियां, शकंुतला रावत, भगत सिंह चैहान आदि मोजूद थे।