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अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता के चलते नर्सिंग कालेजों में नहीं भर पायी सीटें

गोपेश्वर (चमोली)। भाकपा माले के गढ़वाल सचिव इंद्रेश मैखुरी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री को सोमवार को मेल माध्यम से एक ज्ञापन भेज कर राजकीय नर्सिंग कालेजों में अंग्रेजी विषय की अनिवार्यता के कारण खाली रह गई सीटों को भरवाने के लिए यथा संभव कार्रवाई किये जाने की मांग की है।

भाकपा माले के गढ़वाल सचिव का कहना है कि इस वर्ष उत्तराखंड में राज्यस्तरीय नर्सिंग परीक्षा में लगभग पांच हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी, लेकिन अखिल भारतीय नर्सिंग काउंसिल की ओर से अंग्रेजी को अनिवार्य विषय बनाए जाने के कारण इस परीक्षा में कुल दो सौ अभ्यर्थी ही उत्तीर्ण हो सके। इनमें से भी केवल 99 को ही सरकारी कॉलेज आवंटित हो सके। उनका कहना है कि उत्तराखंड में हल्द्वानी, पौड़ी, चमोली, देहरादून, टिहरी, अल्मोड़ा, पिथौरागढ़ में स्थित राजकीय नर्सिंग कॉलेजों में कुल 352 सीटें हैं। इस तरह देखें तो इस बार नर्सिंग परीक्षा में सरकारी कॉलेजों की कुल सीटों से भी कम अभ्यर्थी उत्तीर्ण हुए और ऐसा सिर्फ अंग्रेजी की अनिवार्यता के चलते हुआ है।

उन्होंने इसे एक गंभीर स्थिति माना है। जबकि सिर्फ अंग्रेजी की अनिवार्यता के चलते राज्य में सरकारी नर्सिंग कॉलेजों की अधिकांश सीटें रिक्त रह गयी हैं। यह इन कॉलेजों के लिए गंभीर स्थिति है, राज्य में योग्य नर्सिंग प्रशिक्षुओं की उपलब्धता के लिए भी गंभीर स्थिति है और नर्सिंग को करियर बनाने के इच्छुक अभ्यर्थियों के लिए तो यह पीड़ादायक भी है। उन्होंने इस मामले में तत्काल हस्तक्षेप करते हुए यह सुनिश्चित करने की मांग की है कि सिर्फ अंग्रेजी की बाध्यता के चलते कोई अभ्यर्थी नर्सिंग कोर्स करने से वंचित न हो और सरकारी कॉलेजों की सीटें भी रिक्त न रहें।

प्रदेश में सरकारी नर्सिंग कॉलेज में निर्धारित सीटें

हलद्वानी- 55

पौड़ी- 66

देहरादून- 66

टिहरी- 44

चमोली-44

पिथौरागढ-33

अल्मोड़ा- 44

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