मंडल वैली को ट्राउट वैली के रूप में विकसित करने के दिए निर्देश
गोपेश्वर (चमोली)। जिलाधिकारी चमोली हिमांशु खुराना ने शुक्रवार को मंडल क्षेत्र में कृषि, उद्यान, मत्स्य पालन, मनरेगा के अन्तर्गत विभिन्न योजनाओं और शिक्षण संस्थाओं का स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने मंडल में जैविक कृषि आउटलेट का उद्घाटन भी किया।
परम्परागत कृषि विकास योजना के अन्तर्गत जैविक उत्पादों के विपणन के लिए कृषि विभाग की ओर से मंडल में जैविक कृषि आउटलेट बनाकर जय मां दुर्गा स्वयं सहायता समूह के माध्यम से इसका संचालन शुरू किया गया है। इस आउटलेट में स्थानीय दालें, चावल, मंडुवा, सोयाबीन, मसाले, फरण आदि जैविक उत्पादों का विपणन शुक्रवार से शुरू हो गया है। जिलाधिकारी ने आउटलेट का शुभांरभ करते हुए सबसे पहले स्वयं ही यहां से खरीददारी की।
मंडल क्षेत्र में मनरेगा के अन्तर्गत निर्मित मत्स्य तालाबों का निरीक्षण करते हुए जिलाधिकारी ने नए तालाबों का निर्माण कराते हुए अधिक से अधिक काश्तकारों को मत्स्य पालन से जोड़ने और पूरे मंडल वैली को एक ट्राउट प्रजनन केन्द्र के रूप में विकसित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मछली पालन के लिए फीड सप्लाई हेतु स्थानीय स्तर व्यवस्था की जाए। ताकि काश्तकारों को आसानी से मत्स्य फीड उपलब्ध हो और मछली पालन से जुड़े किसानों को अधिक फायदा मिल सके।
जडी बूटी शोध संस्थान के निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने बाई प्रोडेक्ट तैयार करने के लिए जड़ी बूटी विक्रय करने तथा पर्यटकों को यहां पर उत्पादन की जा रही जड़ी बूटियों की जानकारी देकर प्रचार प्रसार करने के निर्देश दिए। इस दौरान शोध संस्थान में आर्किड हर्बल गार्डन, हर्बल एनालिटिकल प्रयोगशाला, संग्रहालय का निरीक्षण किया गया।
शैक्षिक गुणवत्ता को परखने के लिए जिलाधिकारी ने ग्राम पंचायत सिरोली में प्राथमिक विद्यालय एवं आंगनबाडी केन्द्र का निरीक्षण किया। इस दौरान जिलाधिकारी ने बच्चों से हिन्दी, अंग्रेजी, गणित विषयों पर सवाल पूछते हुए बच्चों का उत्साहवर्धन किया। आंगनबाडी केन्द्र में व्यवस्थाओं का जायजा लेते हुए जिलाधिकारी ने बच्चों के साथ बैठकर उनसे कविताएं सुनी और उनके शैक्षणित स्तर को परखा। उन्होंने पोषाहार वितरण के बारे में जानकारी लेते हुए बच्चों के सर्वांगीण विकास पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने आंगनबाडी केन्द्र में बच्चों के खेल खिलौने, शिक्षण सामग्री, पेयजल एवं शौचालय व्यवस्थाओं का निरीक्षण करते हुए जरूरी निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान मुख्य विकास अधिकारी डा.ललित नारायण मिश्र, परियोजना निदेशक आनंद सिंह, जिला विकास अधिकारी सुमन राणा, मुख्य कृषि अधिकारी वीपी मौर्य, ईई जल संस्थान आरके निर्वाल, जडी बूटी शोध संस्थान के वैज्ञानिक डा.सीपी कुनियाल, डा.एके भण्डारी आदि मौजूद थे।