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जोशीमठ को बचाने के लिए एक तरफ नगरवासियों का धरना तो दूसरी ओर शासन का निरीक्षण

जोशीमठ संघर्ष ने कहा हमें नहीं सर्वेक्षण टीम पर भरोसा, पहले भी हो चुका है सर्वे

जोशीमठ (चमोली)। धार्मिक नगरी जोशीमठ को बचाने के लिए जहां एक ओर स्थानीय निवासी  लगातार आंदोलन की राह पर है तो वहीं जन दबाव के चलते शासन और प्रशासन में हलचल के बाद जोशीमठ में शासन की ओर से भेजी गई टीम की ओर से प्रभावित इलाकों का सर्वेक्षण कर पीड़ितों को सहायता देने का भरोसा दिलाया जा रहा है।

बता दें कि गुरूवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले जोशीमठ नगरवासियों ने जोशीमठ में हो रहे भूधसाव के कारण पूरे नगर क्षेत्र के भवनों, होटलों के अस्तित्व पर बने खतरे से निजात दिलाने की मांग को लेकर धरना और चक्का जाम किया गया था। जिसके बाद शासन प्रशासन में हलचल हुई चमोली प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंच कर प्राइमरी तौर पर नगरवासियों की मांग के अनुरूप जोशीमठ के सभी निर्माण कार्यों पर अग्रीम आदेशों तक रोक लगा दी और प्रभावितों के लिए राहत सामग्री साथ रहने की व्यवस्था शुरू की जिसके बाद नगरवासियों की ओर से किये गये जाम को समाप्त किया गया। उसके बाद शासन स्तर पर भी एक टीम जोशीमठ पहुंची जिसने रात में ही प्रभावित इलाकों का निरीक्षण शुरू किया।

शुक्रवार को जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने तहसील प्रांगण में धरना देते हुए एक सभा की जिसमें बोलते हुए संरक्षक अतुल सती ने कहा कि शासन की ओर से आयी सर्वेक्षण टीम पर उन्हें भरोसा नहीं है। पहले भी इस टीम में शामिल लोग सर्वेक्षण करके लौट चुके है। उनका आरोप है कि इस टीम में शामिल कुछ सदस्य एनटीपीसी जिसके कारण जोशीमठ को ये आपदा झेलनी पड़ रही है उसको बचाने के लिए पूरी कोशिश करेगें जिससे उन्हें सर्वेक्षण टीम पर किसी प्रकार का भरोसा नहीं है। जब तक जोशीमठ बचाने के लिए स्थायी तौर पर उपाय नहीं किये जाते तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा, वहीं संघर्ष समिति के  अध्यक्ष नगर पालिकाध्यक्ष शैलेंद्र रावत और प्रवक्ता कमल रतूडी ने आरोप लगाते हुए कहा कि यदि सरकार पहले ही जोशीमठ के प्रति संवेदनशील हो जाती तो आज यह नौबत नहीं आती। सरकार को चाहिए की एनटीपीसी की टनल का कार्य पूरी तरह से बंद करे और जोशीमठ को बचाने के लिए स्थायी समाधान खोजे। बार-बार सर्वेक्षण टीम भेज कर समय की बर्वादी न करे ताकि जानमाल के नुकसान से बचा जा सके। 

 

इधर गढवाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत कुमार सिन्हा सहित विशेषज्ञ भ-वैज्ञानिकों की टीम की ओर से जोशीमठ में भू-धंसाव को लेकर प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण किया गया। जोशीमठ नगर में भू-धंसाव की बढती समस्या को देखते हुए गढवाल आयुक्त सुशील कुमार ने सुरक्षा के दृष्टिगत जोशीमठ में एनडीआरएफ दल की तैनाती के निर्देश दिए है।

 

आपदा प्रबंधन सचिव ने कहा कि जोशीमठ नगर क्षेत्र में भू-धंसाव के कारणों की जांच की जा रही है। टीम हर नजरिए से समस्या का आंकलन किया जा रहा है। घरों में दरारें चिन्ताजनक है। अभी तत्कालिक रूप से प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट करना हमारी प्राथमिकता है। स्थायी रूप से जो भी निर्माण कार्य हो सकते है, उसका प्लान तैयार किया जाएगा। ड्रेनेज सिस्टम पर जल्दी ही कार्य शुरू होने वाला है। साथ ही सभी घरों को सीवर से कनेक्ट किया जाएगा। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के निर्देशों के अनुरूप जोशीमठ शहर में भूधंसाव की समस्या को रोकने के लिए टीम प्रत्येक नजरिए से जांच कर रही है।

इस दौरान टीम ने जोशीमठ के सुनील गांव, मनोहर बाग, सिंग्धार, जेपी, मारवाड़ी, विष्णु प्रयाग, रविग्राम, गांधीनगर आदि प्रभावित क्षेत्रों में घर-घर जाकर सर्वेक्षण किया। साथ ही तपोवन पहुंच कर एनटीपीसी टनल अंदर एवं बाहर संचालित कार्यो का जायजा भी लिया। निरीक्षण के दौरान गढवाल आयुक्त सुशील कुमार, आपदा प्रबंधन सचिव रन्जीत कुमार सिन्हा, आपदा प्रबंधन के अधिशासी अधिकारी पीयूष रौतेला, एनडीआरएफ के डिप्टी कमांडेंट रोहितास मिश्रा, भूस्खलन न्यूनीकरण केन्द्र के वैज्ञानिक सांतुन सरकार, आईआईटी रूडकी के प्रोफेसर डा. बीके माहेश्वरी, सीडीओ डा.ललित नारायण मिश्र, एडीएम डा. अभिषेक त्रिपाठी, संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक सैनी, तहसीलदार रवि शाह आदि मौजूद थे।

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