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हेमवती नंदन गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर गढ़वाल  का 10वां दीक्षांत समारोह हुआ सम्पन्न

श्रीनगर गढ़वाल।  विश्वविद्यालय के दसवें दीक्षान्त समारोह के मुख्य अतिथि भारत सरकार के नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष और ‘पहले इंडिया फाउंडेशन’ के अध्यक्ष  डॉ. राजीव कुमार थे। विष्वविद्यालय के कुलाधिपति डॉ. योगें  नारायण आईएएस (सेवानिवृत्त) की अध्यक्षता में हुए दसवें दीक्षांत में प्रसिद्ध ढोल वादक श्री सोहन लाल को विष्वविद्यालय ने अपनी मानद उपाधि से सम्मानित किया।

स्वामी मनमन्थन प्रेक्षागृह में आयोजित दसवें दीक्षान्त समारोह में इस वर्ष 45 छात्रों ने स्वर्ण पदक, 159 पीएचडी और 4306 स्नातकोत्तर छात्रों को उपाधि प्रदान की गईं। विभिन्न विषयों के मैधावी छात्र-छात्राओं को दान-दाताओं द्वारा भी 14 स्वर्ण पदक एवं नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। कार्यक्रम  का  उद्घाटन  अतिथियों  द्वारा  दीपप्रज्ज्वन  के  साथ  किया  गया  जिसके उपरान्त विश्वविद्यालय की कुलपति प्रो अन्नपूर्णा नौटियाल ने समारोह में आये सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने उतराखंड की लोक-संस्कृति के  प्रमुख  वाद्य-यन्त्र  ढोल  विधा  के  प्रसिद्ध  ज्ञाता  श्री  सोहनलाल  जी  को  ‘मानद उपाधि‘ प्रदान करने पर खुषी जताई वहीं उन्होंने लोककला एवं निष्पादन विभाग के प्रो. डी.आर. पुरोहित, जिन्हें हाल ही में 2021 के लिए लोक संगीत और रंगमंच के क्षेत्र में प्रतिष्ठित राष्ट्रीय संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार के लिए चुना गया को भी बधाई  दी  । कुलपति ने भारतीय  हिमालयी केंद्रीय  विश्वविद्यालय  संगठन की  स्थापना  एवं  कार्यन्वयन  के  लिए  मुख्य  अतिथि  डॉ.  राजीव  कुमार  का  विषेष धन्यवाद दिया ।

माननीय कुलपति ने विश्वविद्यालय की उपलब्धियों को सूचीबद्ध करते हुए कहा कि विश्वविद्यालय में कुल 13,315 छात्र हैं, जिनमें से 87 प्रतिषत उत्तराखंड से और 13प्रतिषत अन्य राज्यों से हैं। विश्वविद्यालय ने नई शिक्षा नीति को सफलतापूर्वक लागू किया और एनईपी के शासनादेश के अनुसार पहली बार केंद्रीय विश्वविद्यालय संयुक्त  प्रवेश  परीक्षा  (सीयूईटी)  के  माध्यम  से  ही  प्रवेष  प्रक्रिया  पूरी  की। विश्वविद्यालय  की  भाषा  प्रयोगशाला  इस  शैक्षणिक  सत्र  से  गढ़वाली,  कुमाउनी, अंग्रेजी और जर्मन भाषाओं में पाठ्यक्रम भी प्रदान कर रही है। शैक्षणिक क्षेत्र में विश्वविद्यालय  ने  राष्ट्रीय  और  अंतर्राष्ट्रीय  ख्याति  के  विशेषज्ञों  को  लाकर  वेब व्याख्यान, सम्मेलन, कार्यशाला, आजादी का अमृत महोत्सव, एक भारत श्रेष्ठ भारत, उन्नत भारत अभियान आदि का आयोजन किया। कुलपति प्रो नौटियाल ने कहा कि विष्वविद्यालय न केवल शैक्षणिक जिम्मेदारियों का निर्वाहन कर रहा बल्कि समाजिक क्षेत्र में भी विभिन्न गतिविधियों को बखूबी निभा रहा है जिस कड़ी में 2021 में पहली बार विश्वविद्यालय को यूपीएससी परीक्षा आयोजित करने की  जो जिम्मेदारी दी गई  थी  उसे विष्वविद्यालय ने पूरा किया जिससे दूरस्थ क्षेत्र के युवाओं को विषेष लाभ हुआ। विश्वविद्यालय ने वर्ष 2019 से 2022 तक कैरियर एडवांसमेंट योजना के तहत विभिन्न शिक्षण संवर्गों में 81 नये संकाय सदस्यों की भर्ती कर विभिन्न शिक्षण संवर्गों में 159 संकाय सदस्यों को  पदोन्नत  किया।  विश्वविद्यालय  ने  भारत  सरकार  के  सामाजिक  न्याय  और अधिकारिता मंत्रालय की योजना के तहत डॉ. अम्बेडकर कें की स्थापना की जो सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए अनुसूचित जाति वर्ग के उम्मीदवारों के लिए सार्थक पहल है। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय वर्तमान में राष्ट्रीय मूल्याकन एवं प्रत्यान परिषद् (नेक) के तीसरे चरण की तैयारियां कर रही है।

इस मौके पर मुख्य अतिथि, नीति आयोग के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ. राजीव कुमार ने अपने संबोधन में छात्र-छात्राओं के लिए संदेष दिया कि पूर्णकालिक छात्र होने के साथ-साथ जीवन में सीखना बंद नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि वैष्विक रूप से   भारत प्रमुख ऐतिहासिक परिवर्तन के मुहाने पर है हम अर्थव्यवस्था में अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने की दिशा में दुनिया के अग्रसर हो रहे हैं साथ ही उन्होंने कहा कि 21वीं सदी को भारत की सदी बनाने की जिम्मेदारी पूरी तरह से युवाओं की है। युवाओं को प्ररित करते हुए उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि हम बाहर निकलें और   राष्ट्रीय हित की  दिषा में अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों की ओर बढें।

इस  अवसर  पर  कुलाधिपति  डॉ.  योगें  नारायण  आईएएस  (सेवानिवृत्त)  ने  अपने संबोधन में कहा कि 1947 में अपनी स्वतंत्रता के बाद से भारत एक लंबा सफर तय कर चुका है। प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी जी के प्रयासों से जिसतरह औपनिवेशिक मानसिकता को त्यागने का आह्वान किया गया है उसे मिशन बनाकर काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था हासिल करने के लिए 8-10 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है और इस प्रक्रिया में रोजगार के अवसर पैदा करना भी महत्वपूर्ण है। उन्होंने नई शिक्षा नीति की सराहना की, जिसमें प्रत्येक छात्र को उसकी रुचि के क्षेत्र में उत्कृ ष्टता प्राप्त करने की गुंजाइश दी गई और यह भी कहा कि यह संस्थानों के लिए स्वायत्तता प्रदान करता है। अन्त में कुलसचिव डॉ. अजय कुमार खंडूड़ी ने धन्यवाद प्रस्ताव के साथ समारोह का समापन किया। दसवें दीक्षांत समारोह के समन्वयक प्रो वाई.पी  रैवानी  ने  बताया  कि  विष्वविद्यालय  के  दीक्षांत  समारोह  का  लाइव। 

प्रसारण सोषल मीडिया के विभिन्न प्लेटफार्म पर किया गया जिससे हजारों दर्षकों ने  कार्यक्रम  को  देखा।  इस  समारोह  में  प्रो.  आरसी.भट्ट,  प्रति-कुलपति,  मीडिया संयोजक प्रो.एमएम सेमवाल, विभिन्न संकायाध्यक्ष, षिक्षक, कर्मचारी, छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

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