गोपेश्वर (चमोली)। भारतीय मानवाधिकार एसोसिएशन चमोली की ओर से रविवार को मेल के माध्यम से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भेजकर मांग की है कि शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने वाली सावित्री बाई फूले की जयंती तीन जनवरी को शिक्षा ज्योति तथा ज्योतिबा फूले की जयंती 11 अप्रैल को समाज ज्योति के रूप में मनाये जाने की मांग की है।
एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जसवंत लाल का कहना है कि बालिका शिक्षा के लिए प्रथम विद्यालय खोलने वाली सावित्री बाई फूले ने समाज में शिक्षा की अलख जगाने का कार्य किया है। विशेषकर महिला शिक्षा के क्षेत्र उनके किये कार्य को भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि सावित्री बाई फूले ने समाज में शिक्षा के लिए उठाया गया क्रांतिकारी कदम ऐसे समय में उठाया गया था जब समाज के अंदर बालिका शिक्षा के प्रति किसी का ध्यान नहीं था ऐसे क्रांतिकारी महिला की जयंती को शिक्षा ज्योति दिवस के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर मनाया जाना उनकी ओर से किये गये कार्य के प्रति समाज की ओर से दिया गया एक सम्मान होगा, वहीं ज्योतिबा फूले ने समाज में फैली छुआछुत की भावना को समाप्त करने के लिए उल्लेखनीय कार्य किया है। वह भी ऐसे वक्त में जब समाज के अंदर अस्पृश्यता की भावना गहराई तक समायी हुई थी। उनके इस योगदान को भी भुलाया नहीं जा सकता है। समाज को जागरूक करने वाले ऐसे क्रांतिकारी की जयंती को समाज ज्योति के रूप में मनाया जाना उनके प्रति हमारी एक सच्ची श्रद्धाजंलि होगी। उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री से दोनों क्रांतिकारियों को जयंती को राष्ट्रीय स्तर पर मनाये जाने की मांग की है।