जोशीमठ (चमोली)। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने बुधवार को आपदा प्रबंधन सचिव उत्तराखंड को एक ज्ञापन भेजकर जोशीमठ में भूधसाव के चलते बने खतरे को देखते हुए त्वरित कार्रवाई किये जाने की मांग की है।
संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती और प्रवक्ता कमल रतूडी का कहना है कि आपदा प्रबंधन सचिव की ओर से जोशीमठ में हो रहे लगातार भू धसाव को लेकर चमोली प्रशासन को उचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। परंतु स्थिति की गंभीरता को देखते हुए यह कार्रवाई पहले की जानी चाहिए थी साथ ही इसमें अब भी देरी होने पर जोशीमठ के लोगों को काफी नुकसान हो सकता है। उनका कहना है कि आपदा प्रबंधन की जो 15 जनवरी को प्रस्तवित बैठक है उसे तत्काल करवाया जाए ताकि प्रभावितों को उचित समाधान मिल सके।
उनका कहना है कि सर्दी के मौसम में लोगों सम्मुख स्थितियां प्रतिदिन विकट हैं। प्रत्येक दिन स्थिति बदल रही है और गम्भीर हो रही है। उनका यह भी कहना है कि जिलाधिकारी की ओर से किया गया एक दिनी सर्वेक्षण स्थिति के व्यापक आंकलन के लिये अपर्याप्त है। इस सन्दर्भ में नगर पालिका परिषद जोशीमठ की ओर से किये गये घरों के सर्वेक्षण को ही तथ्यात्मक मानते हुए उसके अनुरूप ही योजना बनाने, निर्णय लेने और कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने 15 जनवरी की प्रस्तावित बैठक में संघर्ष समिति के प्रतिनिधियों को भी शामिल किये जाने की मांग की है। जो पिछले एक वर्ष से अधिक से इस सन्दर्भ में न सिर्फ पत्रव्यवहार कर रही है लड़ रही है, बल्कि इस समस्या के सभी पहलुओं को समझती है। पूर्व में भी हमने यह सुझाव सर्वेक्षण के समय दिया था। तब आधिकारिक तौर पर हमें शामिल न किये जाने के बावजूद हमने वैज्ञानिक सर्वक्षण में सहयोग किया था। अन्यथा की स्थिति में ठोस जमीनी कार्यवाही की हमें अपेक्षा नहीं है । उनका यह भी कहना है कि पूर्व में जोशीमठ के लोगों की वैकल्पिक व्ययवस्था के लिए भूमि की उपलब्धता के सन्दर्भ में सुझाव मांगा गया था। जोशीमठ में इस हेतु पर्याप्त भूमि उपलब्ध है। जिसके अनुसार आवश्यक कार्रवाई की जा सकती है। उन्होंने पर्यटन सचिव से यथाशीघ्र उचित कार्रवाई किये जाने की मांग की है।