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चारधाम यात्रा: अपनी ढपली, अपना राग, मंत्री कुछ कह रहे और सीएम कुछ, पढ़ें पूरी खबर

देहरादून: सरकार में तालमेल की कमी नजर आ रही है। CM धामी कुछ और बयान जारी कर रहे हैं। विभागीय मंत्री कुछ और आदेश कुछ और ही जारी हो रहा है। जब से नई सरकार का गठन हुआ है। इस तरह की चीजें लगातार सामने आ रही हैं। हाल ही में ऐसे दो मामले सामने आ चुके हैं। एक मामले में सीएम के निर्देश के बाद मुख्य सचिव को भ्रम को दूर करने के लिए बैठक करनी पड़ी, तो दूसरे मामले में भी कुछ ऐसा ही होने जा रहा है।

यह दोनों ही मामले चारधाम यात्रा से जुड़े हैं। पहला मामला यह था कि बाहर से आने वाले श्रद्धालु और यात्रियों की राज्य के बॉर्डर पर जांच होगी या नहीं। इसको लेकर सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कुछ बयान दिया तो पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कुछ और ही बात कही। दोनों का कहना था कि जांच की जाएगी और वैक्सीनेशन का प्रमाण भी दिखा दिखाना होगा। हुआ है कि सीएम के निर्देश पर मुख्य सचिव ने अधिकारियों की बैठक लेने के बाद इस भ्रम को दूर किया और किसी भी तरह की पाबंदी को समाप्त कर दिया।

ऐसा ही अब धामों में प्रतिदिन जाने वाले यात्रियों की संख्या को लेकर भ्रम हो रहा है। पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज बार-बार यह कह रहे हैं कि जितनी जिस धामी में कैपेसिटी होगी, उसके अनुसार यात्री भेजे जाएंगे और उनको रुकने की अनुमति भी मिलेगी। शासन से बाकायदा चारों धामों के लिए यात्रियों की संख्या तय कर आदेश भी जार कर दिया गया। जिसको लेकर विरोध हो रहा है।

अक्षय तृतिया के दिन सीएम धामी गंगोत्री कपट खुलने के मौके पर पहुंचे। उन्होंने यहां कहा कि यात्रियों के आने पर कोई प्रतिबंध नहीं रहेगा। उन्होंने आदेश के बारे में भी जानकारी नहीं होने की बात कही। सवाल यह है कि क्या सरकार के मंत्रियों के बीच तालमेल ही नहीं है। क्या आदेश जारी होने से पहले सीएम से अनुमोदन नहीं लिया जा रहा है?

जिस तरह से सीएम धामी ने दोनों ही मामलों में अलग बात कही, उससे एक बात तो साफ है कि सीएम कुछ कह रहे हैं और मंत्री कुछ ओर ही राग अलाप रहे हैं, जिससे भ्रम की स्थिति बन रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि चारधाम यात्रा सुगम, सरल हो। तीर्थ पुरोहितों से भी बातचीत में मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रियों की आवाजाही पर कोई रोक-टोक नहीं है। वह चाहते हैं कि यात्रियों को कोई परेशानी न हो।

पर्यटन व धर्मस्व मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारों धामों की धारण क्षमता के दृष्टिगत भीड़ प्रबंधन के उद्देश्य से दर्शनार्थियों की संख्या तय की गई है। शासन ने 30 अप्रैल को चारधाम यात्रा को लेकर आदेश जारी किया था, जिसमें यमुनोत्री धाम में 4000 , गंगोत्री में 7000, केदारनाथ में 12000 और बदरीनाथ धाम में प्रतिदिन दर्शन को 15000 श्रद्धालुओं की संख्या निर्धारित की गई। इसे लेकर तीर्थ पुरोहितों और पर्यटन व्यवसायियों के बीच से विरोध के सुर भी उठे।

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