देहरादून: अगर कोई छात्र 10वीं और 12वीं में फेल हुआ है तो, उनको घबराने की जरूरत नहीं है। शिक्षा विभाग ऐसे छात्रों के लिए एक ऐसी योजना तैयार कर रहा है, जिससे फेल छात्रों को फिर से पास होने का मौका मिलेगा। शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने कहा कि जल्द इसका प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। माना जा रहा है कि यह नियम अगले शिक्षा सत्र से लागू हो जाएगा।
इस साल बोर्ड परीक्षा में 48 हजार से अधिक विद्यार्थी फेल हुए हैं। 10वीं रिजल्ट इस बार 77.47 प्रतिशत रहा है। 28 हजार से अधिक छात्र-छात्राएं 10वीं में फेल हुए हैं। 82.63 प्रतिशत विद्यार्थी ही पास हुए हैं। सरकार का मानना है कि 10वीं या 12वीं में फेल होने के बाद कई छात्र-छात्राएं पढ़ाई छोड़ रहे हैं। शिक्षा मंत्री डा. धन सिंह रावत के मुताबिक सरकार 10वीं और 12वीं में फेल छात्र-छात्राओं को पास होने का मौका देना चाहती है।
इस तरह की व्यवस्था पहले थी, लेकिन उसे बाद में इस बंद कर दिया गया। सरकार की योजना है कि दो विषयों में फेल होने वाले विद्यार्थियों को अंक सुधार को मौका दिया जाएगा, जिस तरह से स्नातक में बैक पेपर की व्यवस्था दी गई है।
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद रामनगर में अपर सचिव बृजमोहन रावत के मुताबिक बोर्ड परीक्षा में अधिकतम दो विषयों में फेल छात्र-छात्राओं को आठ अंक का ग्रेस दिया जाता है। उत्तर प्रदेश के समय में फेल हुए विद्यार्थियों के लिए फिर से परीक्षा की व्यवस्था गई थी, लेकिन उत्तराखंड में इस व्यवस्था को बंद कर दिया गया था। अब फिर से इसका प्रस्ताव तैयार किया गया है।