बुधवार सड़क पर बैठ कर देंगे अनिश्चित कालीन धरना, करेंगे चक्का जाम
गोपेश्वर (चमोली)। जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पंवार, संरक्षक अतुल सती और प्रवक्ता कमल रतूड़ी का कहना है कि जोशीमठ भूधसाव की समस्या दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। हर दिन भवनों और जमीन में दरारें बढ़ती जा रही है। लोग अब घरों के अंदर सोने से डरने लगे है और घरों के बाहर इस कडकडाती ठंड में रात गुजारने के लिए मजबूर हो रखे है। लेकिन शासन और प्रशासन इनकी सुध लेने को तैयार नहीं है। जिले के जिलाधिकारी का मोबाइल बंद आ रहा है जोशीमठ एसडीएम छूट्टी पर चली गई है। एक मात्र तहसीलदार के भरोसे तीस हजार से अधिक की जनसंख्या वाले जोशीमठ के पीड़ितो को छोड़ा गया है इससे बड़ी शर्मसार बात और कुछ नहीं हो सकती है।
मंगलवार को देहरादून से मुलाकात कर लौटते हुए गोपेश्वर में पत्रकारों से बातचीत करते हुए संघर्ष समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि सोमवार की रात्रि में जोशीमठ में भूधसाव की स्थिति और भी भयावाह हो गई है। जहां सोमवार तक 584 भवन खतरे की जद में थे वहीं रात को यह संख्या बढ़ कर सात सौ तक पहुंच गई है। मारवाड़ी में जेपी कालोनी के पास सड़क एक से दो फीट तक धस गई है। यहां एक खेत से पानी फहवारा निकलने लगा है। इसी तरह जोशीमठ में टैक्सी स्टैंड के पास की सड़क भी धस गई है। कई होटल और भवनों में दरारे आ गई है जिसकारण इन लोगों को पूरी रात घर के बाहर गुजारनी पड़ी है। कुछ परिवारों को नगर पालिका ने अपने गेस्ट हाउस में शिफ्ट किया गया है। लेकिन प्रशासन की ओर से अभी तक कोई राहत का कार्य शुरू नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि प्रशासन को चाहिए की त्वरित कार्रवाई करते हुए पीड़ित परिवारों को कुछ सहायता राशि देकर अन्यत्र शिफ्ट करे ताकि लोगों का जीवन सुरक्षित किया जा सके। उन्होंने कहा कि यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो बुधवार से जोशीमठ की जनता को साथ लेते हुए अनिश्चितकालीन चक्का जाम और सड़क पर बैठ कर धरना दिया जाएगा।
संघर्ष समिति के पदाधिकारियों का यह भी आरोप है कि जब से मुख्यमंत्री से मिलने देहरादून पहुंचे थे उनके साथ बदरीनाथ के विधायक भी मौजूद थे लेकिन सीएम ने उन्हें बैठने तक के लिए नहीं कहा और बमुश्किल से एक मिनट भी उनकी बात को नहीं सुना। जो इस सरकार के मुखिया की संवेदनशीलता प्रदर्शित करता है। उनका यह भी आरोप है कि भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष जो पूर्व में बदरीनाथ विधान सभा के विधायक भी रह चुके हैं उन्होंने भी उनके साथ छल किया। उन्हें बुलाकर कहा कि उनकी सीएम से रात में मुलाकात होनी है इसलिए अपनी समस्या को बतायें ताकि सीएम के सम्मुख रखा जाए। संघर्ष समिति के अतुल सती का कहना है कि उन्होंने जोशीमठ की पूरी समस्या उनके सामने रखी मगर उन्होंने सीएम से मुलाकात करने के बजाय हमारी ओर से दिये गये सुझाव और समस्या का प्रेस नोट जारी कर मीडिया में भेज दिया। इससे साफ जाहिर है कि सरकार राजनैति प्रतिद्वद्विंता के चलते जोशीमठ के लोगों की समस्या को नजर अंदाज कर रही है।