देहरादून: मानसून की दस्तक के साथ ही लोगों पर आफत बरसनी शुरू हो गई। लगातार भारी बारिश के कारण पहाड़ी जिलों में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। हादसों की खबरें भी सामने आने लगी है। पहाड़ों पर लगातार लैंडस्लाइड हो रहा है। भूस्खलन के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं। मौसम विभाग ने एक बार फिर भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। ऐसे में लोगों को सावधान रहने की जरूरत है।
राजधानी देहरादून समेत प्रदेश के कई इलाकों में सुबह से बारिश हो रहा है। ब्रदीनाथ हाईवे सिरोबगड़ में दूसरे दिन भी बंद है। बदरीनाथ हाईवे लामबगड़ के पास सुबह से बंद था, जिसे आज सुबह खोल दिया गया।
गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर यातायात सुचारू है। भटवाड़ी सहित यमुनोत्री, जानकी चट्टी और मोरी क्षेत्र में हल्की बारिश का सिलसिला जारी है। मौसम विभाग के अनुसार आज भी प्रदेश के ज्यादातर क्षेत्रों में भारी से बहुत भारी वर्षा होने का अनुमान है। इसको देखते हुए सतर्क रहने की सलाह दी गई है।
मौसम विज्ञान केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने बताया कि देहरादून, नैनीताल, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, चमोली, बागेश्वर और पिथौरागढ़ में भारी से बहुत भारी बारिश हो सकती है। अन्य क्षेत्रों में गरज के साथ तीव्र बौछारें पड़ने की संभावना है।
बागेश्वर में आकाशीय बिजली गिरने से शिखर मूल नारायण मंदिर के दर्शन को जा रहे ऊधमसिंहनगर के पंतनगर निवासी युवक हेमंत राठौर की मौत हो गई। रुद्रप्रयाग में बदरीनाथ राजमार्ग सिरोबगड़ में दिनभर बाधित रहा। यात्री वैकल्पिक मार्ग के जरिए बदरीनाथ धाम पहुंचे। उत्तरकाशी में गंगोत्री हाईवे पर दोपहर ढ़ाई बजे मलबा आ गया और चार घंटे बाद मार्ग खोला जा सका।
पिथौरागढ़ में मलबा आने से चीन सीमा को जोडऩे वाले तवाघाट-लिपुलेख समेत तीनों मार्ग मलबा आने से बंद हो गए। चीन सीमा से संपर्क कट गया है। आदि कैलास यात्रियों के दल को मौसम को देखते हुए पिथौरागढ़ के धारचूला में ही रोका गया है। राज्य में 80 से अधिक मार्ग मलबे से बंद हैं।