रूद्रपुर (उधमसिंहनगर)। नगर के वरिष्ठ पत्रकार पूरन रावत के विरूद्ध एक बिल्डर द्वारा बदले की भावना से दर्ज करायी गयी झूठी एफआईआर को लेकर उत्तराखण्ड के मीडियाकर्मियों की प्रमुख संस्था नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की उधमसिंहनगर जनपद इकाई द्वारा पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी से भेंट कर कड़ा विरोध जताया गया है।
जिलेभर से एकत्र पत्रकारों ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एवं जिलाधिकारी की अनुपस्थिति में नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल के नेतृत्व में अपर जिलाधिकारी जय भारत सिंह एवं पुलिस अधीक्षक (नगर) मनोज कत्याल को ज्ञापन देकर पूरन रावत के विरूद्ध दर्ज झूठी एफआईआर रद्द करने की मांग की। पत्रकारों ने झूठी एफआईआर दर्ज कराने वालों के विरूद्ध भी कड़ी कार्रवाही की मांग की। इस मौके पर यूनियन के जिलाध्यक्ष भूपेश छिमवाल ने कहा कि पत्रकार पूरन रावत के विरूद्ध एक सुनियोजित साजिश के तहत अभियोग पंजीकृत कराया गया है। उन्हांेने कहा कि पत्रकारों का उत्पीड़न किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। उन्होंने कहा कि भूमाफिया और बिल्डर अवैध तरीके अपनाकर तराई की पूरी हरियाली और जमीनों को निगल रहे हैं। लेकिन पुलिस और प्रशासन मौन है। जबकि बिल्डरों के काले कारनामों की पोल खोलने वाले पत्रकार का उत्पीड़न किया जा रहा है। जिसे किसी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जायेगा। महासचिव सागर गाबा ने कहा कि यूनियन हर कदम पर पीड़ित पत्रकारों के साथ खड़ी रहेगी। इस दौरान नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स की रूद्रपुर, गदरपुर, दिनेशपुर, बाजुपर, किच्छा, सितारगंज आदि इकाइयों के पत्रकार प्रतिनिधि भी बड़ी संख्या में उपस्थित रहे। जिनमें दिनेशपुर सेे काजल राय, दुलाल चक्रवर्ती अमित सक्सेना, मृत्युंजय सरकार, बृजकिशोर मंडल, राहुल विश्वास, केशव पाइक, नौनी बढ़ई, गदरपुर से सागर गाबा, सुरेंद्र चावला, सतीश कुमार मिड्डा किच्छा से अल्तमश मलिक, विकास दाबड़ा, एए तन्हा,मनीष सडाना,जीशान पठान, रुद्रपुर से स्वराज पाल सिंह, जी, शादाब हुसैन, सत्यजीत सरकार, वसीम, रामपाल धनगड़, मुकेश कुमार, अनुराग पाल, मनीष कश्यप, ललित शर्मा, महेन्द्र कुमार, राकेश रावत, दुर्गेश तिवारी, तापस विश्वास, सितारगंज से फहीम हुसैन, अश्विनी दीक्षित, अमर सिंह व अन्य समाज सेवी राधेश शर्मा, गौ रक्षा दज के जिलाध्यक्ष विराट आर्या आदि उपस्थित रहे।
दूसरी ओर नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स के संरक्षक एवं प्रदेश कार्यकारिणी के सदस्य त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने भी प्रदेश पुलिस महानिदेशक एवं उधमसिंहनगर जिले के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भेजे पत्र में कहा है कि बिल्डर पत्रकार पूरन रावत पर खबर न चलाने के लिये दबाव बना रहा था। 27 अक्टूबर, 2022 को बिल्डर के कारनामों की खबर प्रसारित हुई थी। इसके बाद 1 नवंबर, 2022 को भी पुख्ता प्रमाणों के साथ खबर प्रसारित होने पर बिल्डर ने दबाव बनाने के लिए रुद्रपुर कोतवाली में रंगदारी मांगने की झूठी तहरीर दी। पत्र में कहा गया है कि रूद्रपुर-काशीपुर रोड स्थित सामिया बिल्डर के अवैध कारनामों का खुलासा करने पर ही पुलिस द्वारा रसूखदार बिल्डर सगीर खान के प्रभाव और दबाव में आईपीसी की धारा 384 के तहत झूठा मुकदमा दर्ज किया गया है।
उन्होंने कहा कि देहरादून के लिए ट्रांसफर आदेश आने के बाद भी रुद्रपुर के पुलिस क्षेत्राधिकारी आशीष भारद्वाज ने पत्रकार पूरन रावत को 17 नवंबर को सीओ कार्यालय बुलाया और जब पत्रकार ने सारे तथ्य और एविडेंस देने का प्रयास किया तो उनसे कहा कि आप 3 लाइन का बयान दे दीजिए, केवल एक जांच की औपचारिकता पूरी करनी है। लेकिन 24 घंटे के अंदर बिना किसी तथ्यात्मक जांच के ही 18 नवंबर, 2022 को पुलिस ने 20 साल से पत्रकारिता के पेशे में सक्रिय वरिष्ठ पत्रकार पूरन रावत पर मुकदमा दर्ज कर दिया है। श्री भट्ट ने पुलिस क्षेत्राधिकारी की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए इसे निहायत ही निंदनीय, आपत्तिजनक और और विधि विरूद्ध कार्रवाई बताया और मामले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करा कर पत्रकार पूरन रावत के विरूद्ध दर्ज झूठी एफआईआर निरस्त करते हुए आरोपी बिल्डर के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है।
यूनियन की ओर से पुलिस महानिदेशक को भेजे पत्र में बताया गया है कि सामिया बिल्डर के खिलाफ रेरा के आदेश पर 2 करोड़ 60 लाख रुपए की रिकवरी के लिए जिला प्रशासन ने बकायदा सामिया बिल्डर की कई त्ब् काट रखी है और बिल्डर की 44 एकड़ जमीन को खसरा-खतौनी में कुर्क भी कर दिया था। साथ ही रिवाइज फीस जमा न करने के कारण सामिया बिल्डर का जिला विकास प्राधिकरण ने नक्शा भी निरस्त कर दिया था। गौरतलब है कि पत्रकार पूरन रावत ने अपनी खबरों में सामिया बिल्डर के रेरा रजिस्ट्रेशन नंबर की वैधता समाप्त होने की खबर का भी खुलासा किया था।
पत्र के माध्यम से यूनियन ने पुलिस महानिदेशक को यह भी अवगत कराया है कि बीते दिनों पत्रकार पूरन रावत द्वारा रुद्रपुर के निर्माणाधीन मेडिकल कॉलेज परिसर में लाखों रुपए के सरिया चोरी का भंडाफोड़ करने तथा मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य की तहरीर के बाद भी पुलिस ने रसूखदारो के खिलाफ मुकदमा तक दर्ज नहीं किया। जबकि कैमरे में मौके पर सरिया चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले सभी लोगों को कैद कर लिया गया था। पर बावजूद इनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई, जबकि जनहित से जुड़ी और बिल्डर के काले कारनामों की खबरों का प्रकाशन करने को लेकर रसूखदार बिल्डर सगीर खान द्वारा बदले की भावना से दी गई तहरीर पर पुलिस ने पूरन रावत के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। नेशनलिस्ट यूनियन आफ जर्नलिस्ट्स की ओर से मामले में स्वतंत्र एवं निष्पक्ष जांच करा कर पत्रकार पूरन रावत के विरूद्ध दर्ज झूठी एफआईआर निरस्त करते हुए आरोपी बिल्डर के विरूद्ध कड़ी कार्रवाई करने की मांग की गई है।