थराली (चमोली)। नैनीताल हाईकोर्ट को मैदानी क्षेत्र हल्द्वानी लें जाने का चिह्नित राज्य आंदोलनकारियों, अधिवक्ताओं एवं आम जनता ने विरोध करते हुए वर्तमान राज्य सरकार को पहाड़ विरोधी बताते हुए एसडीएम थराली के माध्यम से राज्यपाल को एक ज्ञापन भेजा हैं। जिसमें हाईकोर्ट को नैनीताल में ही रखें जाने की मांग की गई है।
थराली के उपजिलाधिकारी रविंद्र जुवांठा के माध्यम से राज्यपाल को भेजें गए ज्ञापन में राज्य आंदोलनकारी महिपाल सिंह गुसांई, बार एसोसिएसन थराली के सचिव जय सिंह बिष्ट का कहना है क उत्तराखंड राज्य आंदोलन के दौरान आम उत्तराखंडी आंदोलनकारियों की भावना के विरूद्ध अस्थाई राजधानी के नाम पर राजधानी को देहरादून में ही स्थापित किया गया हैं। इसके बाद यातायात सहित अन्य तमाम बहाने बना कर वर्तमान राज्य सरकार पहाड़ की गोद नैनीताल में स्थापित हाईकोर्ट को भी मैदानी क्षेत्र हल्द्वानी में स्थापित करने के प्रयास में जुटी हुई हैं। बकायदा पिछले दिनों कैबिनेट में इसका प्रस्ताव भी पारित किया गया हैं। जिसका आम लोग विरोध कर रहे हैं। उन्होंने राज्यपाल से मांग की है कि हाईकोर्ट को नैनीताल में यथावत रखा जाए। यदि ऐसा नही किया गया तो आने वाले समय में एक विशुद्ध पहाड़ी राज्य के लिए यहां की जनता को सड़को पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में चिह्नित राज्य आंदोलनकारी भुपाल सिंह गुसाईं, हरीश पंत, मोहन बहुगुणा, बार एसोसिएशन थराली के सचिव जय सिंह बिष्ट, भूवन हटवाल, देवेंद्र रावत, विक्रम रावत, महिपाल नेगी, महिपाल लाल, उमेश पुरोहित, लखन रावत आदि शामिल थे।