बदरीनाथ (चमोली)। हिन्दुओं के पवित्र धाम बदरीनाथ के कपाट शीतकाल के लिए 15 नवम्बर को बंद होने जा रहे है। कपाट बंद होने से पूर्व की प्रक्रिया के अंतर्गत हजारों वर्षों से चली मान्यताओं और परम्पराओं का पालन किया जाता है। बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने से पूर्व निकटवर्ती मंदिरों, गणेश जी, आदि केदारेश्वर जी मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं साथ ही वेद ऋचाओं का वाचन भी बंद हो जायेगा।
इस तरह होंगी बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रियाऐं
15 नवम्बर को गणेश मंदिर परिसर से भगवान बदरीश पंचायत में विराजमान होंगे दिन भर पूजा अर्चना के शायंकाल बाद गणेश मंदिर के कपाट बंद कर दिये जायेंगे।
16 नवम्बर बुद्धवार को श्री आदिकेदारेश्वर मंदिर को चावल का भोग लगा कर समाधिस्थ रूप देकर कपाट बंद किये जायेंगे।
17 नवम्बर गुरूवार को खडग पुस्तक पूजन के बाद वेद ऋचाओं का वाचन बंद हो जायेगा।
18 नवम्बर को माता लक्ष्मी की पूजा-अर्चना तथा कढाई भोग चढ़ाया जायेगा।
19 नवम्बर को रावल जी स्त्री भेष धारण कर माता लक्ष्मी को बदरीनाथ के समीप्य प्रतिष्ठित करेंगे। इससे पहले उद्धव, कुबेर मंदिर परिसर में आ जायेंगे। माणा के महिला मंडल की ओर से ऊन के कंबल को भगवान बदरीविशाल को ओढ़ाकर शाम तीन बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट शीत काल के लिए बंद हो जायेंगे।
20 नवम्बर को प्रातः उद्धव जी, कुबेर जी तथा रावल जी के साथ आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान होगी। उद्धव जी, कुबेर जी योगबदरी पांडुकेश्वर में विराजमान होंगे।
21 नवम्बर को रावल जी एवं आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ पहुंच जायेगी। इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में शीतकालीन पूजाऐं शुरू हो जायेगी।
फूलों से होगा श्रृंगार
बदरीनाथ के कपाट बंद होने के दिन भगवान बदरी विशाल का पुष्प श्रृंगार होगा। कपाट खुलने पर जहां भगवान का हर प्रातः स्नान, अभिषेक, आभूषण, दिव्य वस्त्रों से श्रृंगार होता है। कपाट बंद होने के दिन भगवान बदरी विशाल का फूलों से श्रृंगार होता है। पूरा मंदिर परिसर और विराट सिंहद्वार फूलों से सजाया जायेगा ।
शंकराचार्य भी रहेंगे मौजूद
बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि पर पहली बार ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य भगवान बदरी विशाल के दर्शन करेंगें। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज बदरीनाथ के कपाट बंद होने की तिथि पर बदरीनाथ पहुंचेंगे। यह जानकारी ज्योर्तिमठ के प्रभारी मुकुंदानन्द ने दी।