कोटद्वार : 25 मार्च सन 1988 मा कलम क सिपै उमेश डोभाल जी शहीद हुए गै छै। उत्तराखण्ड विकास पार्टी ऊं तै श्रद्धांजलि अर्पित करदी च। एक निर्भीक पत्रकार सजग प्रहरी छै उमेश डोभाल जी। उमेश डोभाल जनसरोकारों सी जुड़यां पत्रकार छै। जैन पौड़ी मा निर्भीक पत्रकारिता कै। ऊंंकी बात से माफिया घबरै जांदन।
उत्तराखंड विकास पार्टी क अध्यक्ष मुजीब नैथानी ने बोली कि उबरी जंगल माफिया और शराब माफिया गढ़वाल मा सक्रिय छै। पुलिस-प्रशासन भी ऊंकी ही जेब मा रैन्दू छै। मगर उमेश डोभाल क कलम कभी भी माफियाओं क अगनै नि झुके। पुलिस न ऊंकी मौत क एफआईआर लिखण तै मना क़ै दए छै।
तब पौड़ी का जागरूक मनखियों न उमेश डोभाल तैं खोजो मंच बणैकि आंदोलन कै। तब जैकी मई मैना मा पुलिस न दबाव का बाद एफआईआर दर्ज कै। हालांकि बाद मा येकी जांच सीबीआई न कै और पर्याप्त सबूतों का अभाव मा आरोपी छोड़ दए गै।