हरिद्वार: राज्य में अब तक कई घोटाले सामने आ चुके हैं। लगातार सामने आ रहे घोटालों के कारण सरकारी खजाने को लाखों की चपत लगती है। हरिद्वार कुंभ में कोरोना जांच किट घोटाले मामले में कई आरोपी सलाखों के पीछे जा चुके हैं। अब कुंभ मेले से जुड़ा एक और घोटाला सामने आया है। विभाग ने मामले की जांच शुरू कर दी है। माना जा रहा है कि जांच के बाद कार्रवाई होने तय है।
आरटीआई में घोटालों के कई खुलासे हो चुके हैं। एक और खुला हुआ है। कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार के दक्ष द्वीप में बनाए गए रोडवेज के अस्थायी बस अड्डे पर तैनात कर्मचारियों के खाने में हेराफेरी का मामला सामने आया है। मामले में मंडल प्रबंधक की ओर से रुड़की डिपो के सहायक महाप्रबंधक से जवाब तलब किया गया है।
कुंभ मेले के दौरान हरिद्वार मेला स्थल में यात्रियों की सुविधा के लिए अस्थायी बस अड्डा बनाया गया था। जहां करीब 20 कर्मचारी तैनात किए गए थे, जिनके खाने का इंतजाम कैंटीन से किया गया था। यहां हुए भुगतान की जानकारी एक व्यक्ति ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत मांगी, जिसमें कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए।
पता चला कि नौ अप्रैल से 15 अप्रैल के बीच यहां कुल 383 कर्मचारियों ने खाना खाया लेकिन 1164 कर्मचारियों के हिसाब से बिल का भुगतान कर दिया गया। इससे उपस्थित कर्मचारियों और बिल भुगतान के बीच 781 का अंतर आ रहा है। मामले की शिकायत आरटीआई के साथ परिवहन निगम मुख्यालय पहुंची। निगम मुख्यालय ने मंडल प्रबंधन को कार्रवाई के लिए आदेश दिए।
इस आधार पर मंडल प्रबंधन ने रुड़की डिपो के सहायक महाप्रबंधक से जवाब मांगा है। उन्होंने पूछा है कि उपस्थित कर्मचारियों के सापेक्ष इतनी अधिक संख्या में बिल भुगतान क्यों किया गया है? जिन 781 कर्मचारियों का अंतर आ रहा है, उनकी उपस्थिति पंजिका की छायाप्रति भी मांगी गई है।