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जय बद्री विशाल के उद्घोष के साथ शीतकाल के लिए बंद हुए बदरीनाथ धाम के  कपाट

गढ़वाल स्काउट  के बैंड की भक्तिमय स्वर लहरियों के बीच पांच हजार  से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी बने

इस यात्रा वर्ष रिकॉर्ड  सत्रह लाख  साठ हजार से अधिक तीर्थयात्रियों ने भगवान  बदरीविशाल के दर्शन किये।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं प्रेषित की कहा इस यात्रा वर्ष रिकार्ड संख्या में चारधाम पहुंचे तीर्थयात्री

बदरीनाथ (चमोली)। श्री बदरीनाथ धाम के  कपाट शनिवार शाम तीन बजकर 35 मिनट पर  विधि-विधान से  शीतकाल के लिए बंद हो गये है।  इस अवसर पर  पांच हजार से अधिक श्रद्धालु कपाट बंद होने के साक्षी  बने। कपाट बंद होने के अवसर पर मंदिर को भब्य रूप से फूलों से सजाया गया था। कई स्थानों पर तीर्थयात्रियों को भंडारे आयोजित किये गये थे।

शनिवार को प्रातः तीन  बजे  मंदिर खुल गया और  अभिषेक शुरू होते  ही भगवान बदरीविशाल के दर्शनों के लिए श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जारी रहा। राज भोग के पश्चात भी दर्शन होते रहे दिन के भोग के पश्चात, शायंकालीन आरती भी संपन्न हो गयी। इसके बाद भगवान बदरीनाथ के कपाट बंद होने की प्रक्रिया शुरू हो गयी। रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी ने स्त्री भेष धारणकर मां लक्ष्मी को श्री बदरीनाथ मंदिर के गर्भगृह में प्रतिष्ठित किया। इससे पहले भगवान के सखा श्री उद्धव जी तथा देवताओं के खजांची श्री कुबेर जी सभा मंडप में आ गये थे। तत्पश्चात जन्मपत्री का वाचनकर भगवान  बदरीविशाल को महिला मंडल माणा की ओर से बुनकर तैयार किया गया घृत कंबल पहनाया गया इसी के साथ भगवान बदरीविशाल के कपाट शीतकाल के लिए बंद हो गये। 19 नवंबर शाम को श्री कुबेर जी बदरीनाथ धाम के निकट बामणी गांव रात्रि प्रवास के लिए प्रस्थान हो गये। 20 नवंबर  श्री कुबेर जी  बामणी गांव से पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान करेंगे।

प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने श्री बदरीनाथ धाम  के कपाट बंद होने के अवसर पर तीर्थयात्रियों को शुभकामनाएं प्रेषित की कहा कि इस बार चारधाम यात्रा  रिकार्ड साढ़े छयालीस लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे है। देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में जन सहयोग से श्री केदारनाथ धाम एवं श्री बदरीनाथ धाम में मास्टर प्लान का कार्य तेजी से आगे बढ़ रहा है। जिससे आनेवाले यात्राकाल में तीर्थयात्रियों एवं आम जनमानस को पर्याप्त सुविधाएं मिलेंगी।

प्रदेश भाजपा अध्यक्ष महेन्द्र भट्ट  तथा पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से यात्रा सफलतापूर्वक संपन्न हो रही है।

इस अवसर पर  श्री बदरीनाथ- केदारनाथ मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय,  ज्योतिषपीठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती महाराज, मंदिर समिति उपाध्यक्ष किशोर पंवार, इस अवसर पर मंदिर समिति अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि सामूहिक सहयोग समन्वय से यात्रा का सफलतापूर्वक समापन हुआ है।

मंदिर समिति मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ ने बताया कि कल  20 नवंबर को प्रातः नौ बजे श्री उद्धव जी तथा श्री कुबेर जी की डोली तथा रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, सहित आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी योग बदरी पांडुकेश्वर के लिए प्रस्थान हो जायेगी।

श्री उद्धव जी एवं श्री कुबेर जी योग बदरी  शीतकाल में पांडुकेश्वर में विराजमान रहेंगे जबकि 21 नवंबर सोमवार को  आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी श्री नृसिंह मंदिर जोशीमठ में विराजमान हो जायेगी।

इसी के साथ योग बदरी पांडुकेश्वर तथा श्री नृसिंह बदरी में शीतकालीन पूजायें शुरू हो जायेंगी। श्री बदरीनाथ धाम के कपाट बंद होने के साथ ही सभी निकटवर्ती मन्दिरों  माता मूर्ति मंदिर माणा, भविष्य बदरी मंदिर सुभाई तपोवन के कपाट भी शीतकाल के लिए 19 नवंबर को बंद हो गये है। कुछ दिनों पूर्व श्री घंटाकर्ण जी मंदिर माणा के कपाट भी शीतकाल के लिए बंद हो गये है। मंदिर समिति के मीडिया प्रभारी  ने बताया कि  आज  तक 1760649 तीर्थयात्री भगवान बदरीविशाल के दर्शन को पहुंचे तथा कपाट बंद होते समय लगभग पांच हजार श्रद्धालु मौजूद रहे।

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